सुषमा को UN में स्टैंडिंग ओवेशन: PAK से पूछा-दोस्ती बदरंग किसने की? 5 प्वाइंट्स

सुषमा को UN में स्टैंडिंग ओवेशन: PAK से पूछा-दोस्ती बदरंग किसने की? 5 प्वाइंट्स

नई दिल्ली.सुषमा स्वराज (65) ने शनिवार रात यूनाइटेड नेशंस की जनरल असेंबली (UNGA) में पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। उन्होंने 6 मिनट तक पाकिस्तान को लताड़ा। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को याद दिलाया कि क्यों आज उनकी पहचान एक आतंकी मुल्क की बनी है। इस दौरान विदेश मंत्री को यूएन असेंबली में स्टैंडिंग ओवेशन भी मिला। सुषमा की स्पीच के 5 प्वाइंट...

1. क्यों पाकिस्तान दहशतगर्द मुल्क बना?

- सुषमा ने कहा, ''भारत और पाकिस्तान साथ-साथ आजाद हुए थे। हमारी पहचान आईटी और सुपर पावर के तौर पर बनी, लेकिन अब्बासी साहब! (पाकिस्तान के पीएम), पाकिस्तान की पहचान एक दहशतगर्त मुल्क के तौर पर क्यों बनी, आपने कभी सोचा। इसकी एक ही वजह है कि भारत में चाहे कोई भी सरकार रही हो, पाक की आतंकवाद की चुनौतियों का सामना करते हुए भी हमने अंदरूनी विकास की गति नहीं रुकने दी।''

2. पाकिस्तान ने सिर्फ आतंकी पैदा किए

- "भारत ने आईआईटी, आईआईएम बनाए। हमने एम्स जैसे अस्पताल बनाए। हमने स्पेस में इंटरनेशनल संस्थान बनाए] लेकिन पाकिस्तान वालों आपने क्या बनाया? आपने लश्कर-ए-तैयबा बनाया, जैश-ए-मोहम्मद बनाया, आपने हक्कानी नेटवर्क बनाया। हिज्बुल-मुजाहिदीन बनाया। आतंकी ठिकाने और टेररिस्ट कैम्प बनाए। हमने स्कॉलर्स, साइंटिस्ट, इंजीनियर्स पैदा किए। पाकिस्तान वालो! आपने क्या पैदा किया? आपने दहशतगर्द और आतंकवादी पैदा किए। डॉक्टर्स मरते हुए लोगों की जिंदगी बचाते हैं और जिहादी जिंदा लोगों को मार डालते हैं। लेकिन आपका जिहादी संगठन केवल भारत के लोगों को नहीं मार रहा, वह हमारे पड़ोसी अफगानिस्तान और बांग्लादेश के लोगों को भी मार रहा है।''

3. हम गरीबी से और पाकिस्तान हमसे लड़ रहा है

- ''अध्यक्षजी हम तो गरीबी से लड़ रहे हैं, लेकिन हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान हमसे लड़ रहा है। परसों इसी मंच से बोलते हुए पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम शाहिद खाकान अब्बासी ने भारत पर तरह-तरह के इल्जाम लगाए थे। हमें स्टेट स्पॉन्सर टेररिज्म फैलाने का जिम्मेदार भी बताया और मानवाधिकार उल्लंघन का आरोपी भी। जिस समय वो बोल रहे थे, तो सुनने वाले बोल रहे थे- लुक हू इज टॉकिंग। जो मुल्क हैवानियत की हदें पार करके सैकड़ों बेगुनाहों को मौत के घाट उतरवाता है, वो यहां खड़ा होकर हमें इंसानियत का सबक सिखा रहा था, हमें मानवाधिकार का पाठ पढ़ा रहा था।"

4) हमने दोस्ती का हाथ बढ़ाया, लेकिन बदरंग किसने की

- सुषमा ने कहा, "पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम ने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान को दोस्ती और शांति की विदेश नीति विरासत में दी थी। मैं उन्हें याद दिलाना चाहूंगी कि शांति और दोस्ती की नीति मोहम्मद अली जिन्ना ने विरासत में दी या नहीं दी, ये तो इतिहास बहुत अच्छी तरह जानता है। लेकिन, ये एक सच्चाई है कि प्रधानमंत्री मोदी ने शांति और दोस्ती की नीयत जरूर दिखाई थी। उन्होेंने सारी रुकावटों को पार करते हुए दोस्ती का हाथ आगे बढ़ाया, किंतु कहानी किसने बदरंग की? अब्बासी साहब इसका जवाब आपको देना है, मुझे नहीं।"

5). आतंकियों की मदद के बजाय विकास पर ध्यान दो

- ''पाकिस्तान वालों जो पैसा आतंकियों की मदद के लिए खर्च कर रहे हो, उसे अवाम और मुल्क की तरक्की के लिए करो तो दुनिया का आतंकवाद से पीछा छूट जाएगा और आपके मुल्क का विकास हो सकेगा। हम पाकिस्तान से बातचीत चाहते हैं। इसके लिए 9 दिसंबर, 2015 को हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में जब मैं इस्लामाबाद गई तो नए सिरे से कॉम्प्रिहेंसिव बायलैटरल डायलॉग शुरू करने की बात हुई थी। बाईलेटरल शब्द जानबूझकर डाला गया था, लेकिन वो सिलसिला आगे क्यों नहीं बढ़ा, इसके जवाबदेह आप हैं अब्बासी साहब, मैं नहीं। अमेरिका के विदेश मंत्री से भी आतंकवाद पर बात - शुक्रवार को सुषमा स्वराज ने अमेरिका के विदेश मंत्री के साथ बाईलेटरल मीटिंग की। उन्होंने इस मीटिंग में टेररिज्म और H-1B वीजा का मसला उठाया। दोनों लीडर्स ने अमेरिका-भारत की पॉलिटिकल और इकोनॉमिक पार्टनरशिप को मजबूत करने के लिए चर्चा की।

27 बाईलेटरल और 12 मल्टीलेटरल मीटिंग्स में शामिल हुईं सुषमा

- UN पहुंची सुषमा स्वराज ने इस बार 27 बाईलेटरल और 12 मल्टीलेटरल मीटिंग्स में हिस्सा लिया। - बता दें कि पिछले हफ्ते ही यूएन में भारत के पर्मानेंट रिप्रेजेंटेटिव सैयद अकबरुद्दीन ने कहा था, "हमारा नजरिया व्यापक है। हमारे मसले ग्लोबल है। उसमें से कुछ प्रेरणा देने वाले भी हैं। कुछ ऐसे भी मसले हैं, जिन पर हम कई सालों से काम कर रहे हैं और कुछ ऐसे हैं, जिन पर इस बार कुछ नतीजा निकलने की हमें उम्मीद है।"

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